Proxy Vote क्या है और कब और कैसे Proxy Voting करते है एवं प्रॉक्सी वोट कैसे डाल सकते हैं व अवधि क्या होती है जाने हिंदी में
दोस्तों आज हम आपको प्रोक्सी वोट के बारे में बता रहे हैंजैसा कि आप जानते हैंहमारे देश में विभिन्न प्रकार के चुनावों का अधिकार जनता को होता है। और चुनाव भारत में आम जनता से मतदान यानी वोटिंग के माध्यम से करवाए जाते हैं। परंतु इन चुनावों में जनता को कुछ नियम दिए जाते हैं जिनका पालन करने पर ही वोटिंग का अधिकार दिया जाता है। इन्हीं नियमों में से एक नियम है प्रोक्सी वोट। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के जरिए से प्रोक्सी वोट से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं जैसे Proxy Vote क्या है, प्रॉक्सी वोट कब और कैसे दे सकते हैं। यदि आप भी प्रॉक्सी वोट के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ना होगा।
Proxy Vote Kya Hota Hai?
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में लोकसभा के चुनाव से लेकर छोटे-मोटे चुनाव होने पर आम जनता केवल एक ही बार मतदान यानी वोटिंग देने में समर्थ होती थी। परंतु कुछ समय पहले इलेक्शन के लिए नए नियम लागू कर दिए गए हैं। जिसके तहत एक चुनाव में व्यक्ति कुछ शर्तों के मुताबिक दो बार मतदान देने में सक्षम हो सकता है। पहला अपना वोट दे सकता है दूसरा वह किसी सेना जवान या एन आर आई का वोट दे सकता है। इन्हीं नियमों को प्रॉक्सी वोट के नाम से जाना जाता है। यह मंजूरी 2017 में लोक प्रतिनिधित्व विधेयक को दी गई थी जिसके तहत देश के सभी मतदाताओं की परेशानियों को दूर करने के कदम उठाया गया था। जिसके माध्यम से एक व्यक्ति अपने ही निवास से अपने मताधिकार को प्रॉक्सी वोटिंग दे सकता है।
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प्रॉक्सी वोट का क्या अर्थ है ?
जैसे कि आपको पर बताया 2017 में लोकसभा के दौरान लोक प्रतिनिधित्व विधेयक को मंजूरी दी गई थी। इस मंजूरी का मतलब था कि वह प्रवासी भारतीय मतदाता जो अपने स्थान से ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर वोटिंग करना चाहते हैं वह आसानी से वोटिंग किसी दूसरे व्यक्ति से करवा सकते हैं। इसके माध्यम से कोई भी सेना का जवान या प्रवासी भारतीय यानी एन आर आई किसी वोटर को भी अपने मत का अधिकार प्रदान कर सकता है।
Proxy Vote कैसे डाल सकते हैं ?
- प्रॉक्सी वोट डालने से पहले सेना के जवान या एन आर आई को पहले उस व्यक्ति की जानकारी जमा करनी होती है जिस व्यक्ति से वह अपना प्रॉक्सी वोट डलवाना चाहता है।
- व्यक्ति की जानकारी आपको फॉर्म-KFG के माध्यम से अपनी विधानसभा के रिटर्निग ऑफिसर (RO) के पास जमा करनी होती है।
- आर्मी के सैनिक या एन आर आई को यह बात ध्यान में रखनी है कि जिस व्यक्ति से वह वोट डलवाना चाहते है वह उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र का निवासी होना चाहिए।
- आप अपनी प्रॉक्सी वोटिंग पूरे जीवन के लिए भी कर सकते हैं।
- अगर आप अपनी प्रोक्सी वोटिंग पूरे जीवन के लिए लगा देते हैं तो आगे भविष्य में होने वाली सभी चुनावों में वही व्यक्ति आप के आधार पर सारे वोट देगा।
- मिलिट्री पर्सनल या अप्रवासी भारतीय की अपॉइंटमेंट व्यक्ति की मृत्यु होने पर ऑटोमेटिक रद्द हो जाएगी।
- मिलिट्री पर्सनल या एन आर आई अपनी इच्छा से भी प्रोक्सी वोटिंग की अपॉइंटमेंट रद्द कर सकते हैं, उसके लिए उन्हें फॉर्म-क्फ्जी भरना होता है।
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प्रॉक्सी वोट डालने के लिए कौन सा फॉर्म भरा जाता है?
अगर कोई मिलिट्री पर्सन या कोई एन आर आई व्यक्ति अपना वोट किसी दूसरे व्यक्ति के माध्यम से डालना चाहता है तो सबसे पहले एन आर आई व्यक्ति को KFG फॉर्म भरकर रिटर्निंग ऑफिसर को जमा करना होगा। इस फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी मिलिट्री पर्सन को दर्ज करनी होगी। तथा सभी जानकारी के साथ-साथ उसे अपने स्थान पर न उपलब्ध होने की जानकारी भी दर्ज करनी होगी। केएफजी फॉर्म रिटर्निंग ऑफिसर के द्वारा वेरीफाई होने के बाद किसी दूसरे व्यक्ति को मिलिट्री पर्सन या एन आर आई व्यक्ति के जगह वोट डालने की अनुमति प्रदान की जाती है।
Proxy Voting की अवधि क्या होती है?
एक इलेक्शन ऑफिसर के मुताबिक प्रोक्सी वोटिंग की अवधि उम्र भर के लिए भी होती है। इसका मतलब है कि यदि कोई एन आर आई. व्यक्ति या मिलिट्री पर्सन अपने निवास पर मतदान के समय उपलब्ध नहीं होता है तो जिस व्यक्ति को उसने एप्वॉइंट किया है वह व्यक्ति लाइफ टाइम मिलिट्री पर्सन के आधार पर प्रोक्सी वोटिंग कर सकता है। प्रोक्सी वोटिंग की अनुमति खुद मिलिट्री पर्सन या एन आर आई अपनी वोटिंग के आधार पर चुने गए व्यक्ति को स्वयं ही प्रदान करता है।
प्रॉक्सी वोटर की मृत्यु पर क्या किया जाता है?
मिलिट्री व्यक्ति या एनआरआई द्वारा अपना वोट अपने वोट का अधिकार किसी और को देने वाले व्यक्ति को प्रॉक्सी वोटर कहा जाता है। प्रोक्सी वॉटर इन व्यक्तियों के आधार पर अपने वोट के अलावा एक और वोट डालने में सक्षम रहते हैं। परंतु किसी कारणवश प्रॉक्सी वोटर की मृत्यु हो जाती है तो मिलिट्री पर्सन को पूरा आधार होता है कि वह प्रॉक्सी का अपॉइंटमेंट रद्द कर सके। इस अपॉइंटमेंट को रद्द करने के लिए एन आर आई या मिलिट्री व्यक्तियों को दोबारा KGF फॉर्म भरने की आवश्यकता पड़ती है। केजीएफ फॉर्म भरने के बाद उन्हें दोबारा यह फॉर्म रिटर्निंग ऑफिसर को जमा करना होगा जिससे वह किसी दूसरे व्यक्ति को दी गई अपॉइंटमेंट को रद्द कर सके।
तो दोस्तों इस प्रकार आप प्रोक्सी वोट का इस्तेमाल कर सकते हैं और जो मिलिट्री पर्सन या अप्रवासी भारतीय है वोट नहीं दे सकते उनके वोट का इस्तेमाल हो सकता है।