पीजीडीएम कोर्स क्या है और PGDM Full Form Kya Hoti Hai एवं बनने की योग्यता क्या होती है व सैलरी कितनी होती है जाने हिंदी में
आज के समय में शिक्षा का कितना महत्व है या सभी को पता है क्योंकि शिक्षा के बिना जीवन यापन बहुत ही मुश्किल माना जाता है आप बड़े से बड़े शहरों में चले जाएं या फिर छोटे से छोटे गांव या कस्बों में आपको हर जगह शैक्षणिक संस्था जरूर मिलेगी क्योंकि सभी को मालूम है की एक शिक्षित व्यक्ति का जीवन सफल तभी हो पाता है जब उसे शिक्षा ग्रहण करने के बाद एक अच्छी नौकरी मिल जाए वर्तमान समय में बहुत से ऐसे कोर्स डिग्री हैं जिनकी तरफ आजकल के नवयुवक तेजी से आकर्षित हो रहे हैं उन्हीं में से एक है
पीजीडीएम (PGDM) कोर्स जोकि एक प्रकार का डिप्लोमा कोर्स है परंतु इसकी मांग काफी ज्यादा देखने को मिली है आज हम आपको PGDM Course से संबंधित सभी जानकारियां विशेष से देंगे जिससे यदि आपको भविष्य में इसकी जरूरत पड़े तो आप इस लेख के द्वारा आसानी से समझ सके।
पीजीडीएम(PGDM) कोर्स क्या है?
PGDM COURSE एक प्रकार का एमबीए के बराबर का कोर्स माना जाता है जोकि 2 वर्ष का होता है जिसमे 4 सेमेस्टर परीक्षा आयोजित की जाती है।इस का फुल फॉर्म POST GRADUATE DIPLOMA IN MANAGEMENT होता है इसे हम डिग्री कोर्स नहीं कह सकते हैं क्योंकि इसका संबंध किसी यूनिवर्सिटी से ना होकर
All India Council for Technical Education (AICTE) के द्वारा मान्यता प्राप्त इंस्टिट्यूट से होता है जोकि डिप्लोमा कोर्स कराती है परंतु यदि वह इंस्टिट्यूट Association of Indian Universities (AIU) से मान्यता प्राप्त है तो फिर पीजीडीएम कि डिप्लोमा डिग्री एमबीए के समक्ष मानी जाएगी। वर्तमान समय में एमबीए से ज्यादा पीजीडीएम की तरफ ज्यादातर अभ्यर्थी आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि इसमें कैरियर की संभावना ज्यादा देखने को मिलती है।
यह भी पढ़े: RSCIT Course
पीजीडीएम(PGDM)कोर्स के प्रकार
जैसा कि आपको बताया गया है कि वर्तमान समय में पीजीडीएम कोर्स को काफी ज्यादा महत्व दिया जा रहा है और ज्यादातर अभ्यार्थी एमबीए की अपेक्षा इस कोर्स को कर रहे हैं पीजीडीएम कोर्स के तीन प्रकार होते हैं जो कि निम्नलिखित हम आपको बारी बारी से बताएंगे।
- ऑनलाइन पीजीडीएम कोर्स
- डिस्टेंस पीजीडीएम कोर्स
- रेगुलर पीजीडीएम कोर्स
1.Online PGDM कोर्स
ऑनलाइन पीजीडीएम कोर्स की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि आप घर बैठे ही ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से इसकी तैयारी कर सकते हैं तथा आपको ऑनलाइन ही एग्जाम भी देना होगा इसके लिए आपको ग्रेजुएशन की मेरिट के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा जिसका मानक इंस्टिट्यूट के द्वारा तय किया जाता है यह काफी सरल तौर पर आसानी से किया जा सकता है।
2.Distance PGDM कोर्स
पीजीडीएम कोर्स को करने के लिए आप डिस्टेंस पीजीडीएम प्रोग्राम का फायदा उठा सकते हैं क्योंकि इसके लिए आपको कहीं से भी क्लास मुहैया कराई जा सकती है कई बार क्या होता है कि बहुत से ऐसे अभ्यर्थी होते हैं जो नौकरी करते हैं जिसमें वह फुल टाइम या पार्ट टाइम करने की वजह से समय नहीं मिल पाता और वह यूनिवर्सिटीज में क्लासेस नहीं ले पाते हैं इसके लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन(AILTE)ने डिस्टेंस पीजीडीएम कोर्स प्रोग्राम शुरू किया है जो कहीं भी रहे वहां से ही इसकी तैयारी कर सकते हैं परंतु परीक्षा देने के लिए उन्हें ऑफलाइन माध्यम से यूनिवर्सिटी अथवा कॉलेज में आना होगा।
यह भी पढ़े: पीजीडीसीए PGDCA क्या है
3.Regular PGDM कोर्स
पीजीडीएम कोर्स में सबसे बेहतरीन और अच्छा विकल्प रेगुलर पीजीडीएम कोर्स होता है क्योंकि इसमें प्रैक्टिकल कराए जाते हैं जिससे छात्रों को प्रयोगी तौर पर ज्यादा ज्ञान अर्जित होता है इसमें आपको रेगुलर तौर पर कॉलेज में क्लासेस करनी होती है तथा वहां पर आपको 4 सेमेस्टर की तैयारी करके परीक्षा भी देनी होती है उसके बाद कॉलेज कैंपस से ही आपका नौकरी के लिए प्लेसमेंट भी हो जाता है तो यदि आप पीजीडीएम(PGDM) कोर्स करना चाहते हैं तो आपको रेगुलर तौर पर या कोर्स करना चाहिए।
PGDM कोर्स करने के लिए योग्यता
जैसा कि आपको पता है कि किसी भी चीज के लिए कुछ योग्यताएं भी मानक के तौर पर रखी जाती हैं यदि उस योग्यता में आ फिट बैठते हैं तो आपको वकार करने में आसानी होगी उसी प्रकार पीजीडीएम कोर्स की भी कुछ योग्यताएं हैं जो हम आपको निम्नलिखित बताने जा रहे हैं।
- पीजीडीएम कोर्स करने के लिए सबसे पहले अभ्यार्थी को ग्रेजुएशन करना अनिवार्य है क्योंकि इस कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता ग्रेजुएशन रखी गई है।
- दूसरी एवं मुख्य बात यह है कि यदि आप PGDM Course में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको ग्रेजुएशन में चाहे आप किसी भी इस टीम से हो न्यूनतम 45% अंक के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए क्योंकि इसके लिए यही मानक रखा गया है।
- पीजीडीएम कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन की तरफ से कराने वाली प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
पीजीडीएम कोर्स करने की फीस कितनी होती है?
यदि पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन मैनेजमेंट कोर्स के Fee Structure की बात की जाए तो बहुत सी ऐसी इंस्टिट्यूट है जो अपने यहां अलग-अलग फीस निर्धारित करती है यदि आप सरकारी तौर पर पीजीडीएम कोर्स करना चाहते हैं तो उसकी फीस कम होती है परंतु निजी इंस्टीट्यूट की फीस ओं में थोड़ा वृद्धि देखने को मिलती है औसतन PGDM कोर्स की फीस की बात करें तो यह वर्तमान समय में 2 लाख से 15 लाख तक के बीच में निर्धारित की गई है जिसमें आपको रहने एवं मेष के लिए अलग से फीस देना होगा।
PGDM(पीजीडीएम) Course Entrance Exam:
पीजीडीएम कोर्स में एडमिशन लेने के लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन की तरफ से कुछ एंट्रेंस एग्जाम कराए जाते हैं जिसमें उत्तीर्ण होने के बाद ही आपको कॉलेज अथवा यूनिवर्सिटी प्रदान की जाती है जिसमें आप अपने क्रमानुसार एडमिशन ले सकते हैं निम्नलिखित हम आपको PGDM कोर्स के एंट्रेंस एग्जाम का नाम बता रहे हैं।
- Common Admission Test(CAT)
- Management Aptitude Test (MAT)
- Common Management Admission Test(CMAT)
- Graduate Management Admission Test (GMAT)
- NMIMS Management Aptitude Test (NMAT)
- Xavier Aptitude Test (XAT)
पीजीडीएम(PGDM) कोर्स में कैरियर
वर्तमान समय में जितना ही मार्केटिंग एडवर्टाइजमेंट वाले कोर्स हैं वह काफी सक्सेसफुल माने जाते हैं उसी तरह पीजीडीएम कोर्स है जिसे करने के बाद अभ्यार्थियों के लिए बहुत सारे ऐसे नौकरी के विकल्प होते हैं जो खुल जाते हैं जिसमें वह आसानी से प्रवेश करके अच्छी खासी सैलरी आ सकते हैं यदि इसमें कैरियर की बात करें तो बड़ी-बड़ी कंपनियों एवं नीति निम्नलिखित पद पर कार्य करने का मौका प्रदान किया जाता है।
- मार्केटिंग मैनेजर
- सेल्स मैनेजर
- सप्लाई चैन मैनेजर
- एडवरटाइजिंग मैनेजर
- कंपनी एडवाइजर
- सुपरवाइजर
पीजीडीएम कोर्स के बाद नौकरी लगने पर वेतनमान
आमतौर पर देखा जाता है कि किसी भी अभ्यर्थी की जो PGDM कोर्स करने के बाद नौकरी लगती है वह ज्यादातर कॉलेज या यूनिवर्सिटी के प्लेसमेंट के बाद ही लग जाती है जिसमें शुरुआती दौर पर उन्हें इंटरशिप के तौर पर कार्य करने को मिलता है परंतु जब वह मुख्य रूप से उस कंपनी के कर्मचारी हो जाते हैं तो उन्हें औसतन सालाना 3 लाख से ₹7 लाख वार्षिक प्रदान किए जाते हैं जैसे ही जैसे वह उस फील्ड में पुराने होते जाते हैं और एक्सपीरियंस उनका बढ़ता जाता है उनके वेतनमान में वृद्धि भी होती रहती है तथा उसके साथ-साथ पिए एवं दिए भी कंपनी की तरफ से उन्हें प्रदान किया जाता है।