Nikay Sthaniya Chunav Kya Hai और स्थानीय निकाय चुनाव को करने का नियम क्या है एवं इसके जुडी सभी जानकारी हिंदी में
किसी भी देश में जब लोकतंत्र होता है तो वहां पर सारी गतिविधियां चुनाव के माध्यम से ही तय की जाती है और ऐसे में बात भारत की करें तो यहां पर तीन स्तर में चुनाव आयोजित किए जाते हैं इसमें पहला लोकसभा दूसरा विधानसभा तीसरा स्थानीय निकाय चुनाव, जिसे हम नगर निगम चुनाव, पंचायत चुनाव के नाम से भी जानते हैं और देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में यदि देखा जाए तो Nikay Sthaniya Chunav का काफी ज्यादा महत्व देखने को मिलता है ऐसे में स्थानीय निकाय चुनाव अब करीब ही है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इसकी आरक्षण सूची भी अब निर्धारित कर दी गई है तो आज इस लेख में हम आपको Nikay Sthaniya Chunav से संबंधित जानकारी प्रदान करेंगे जिससे आप भी आसानी से इसके बारे में जान सकें।
स्थानीय निकाय चुनाव(Nikay Sthaniya Chunav) क्या होता है?
स्थानीय चुनाव जो होता है उसे नगरीय निकाय चुनाव के नाम से भी जाना जाता है जो कि स्थानीय एवं जमीनी स्तर पर जनता की समस्याओं हेतु समाधान के लिए इस चुनाव को आयोजित किया जाता है जिसके माध्यम से हर क्षेत्र में एक पार्षद और सभासद को चुना जाता है जिसके द्वारा ही किसी भी शहर,गांव, कस्बा आदि की प्रगति को बेहतर तरीके से किया जा सकता है और ऐसे में उस शहर में विकास कार्य भी एक बेहतर व्यवस्था के माध्यम से पूरा हो पाता है हालांकि यदि देखा जाए तो भारतीय संविधान में निकाय चुनाव का कोई प्रावधान नहीं होता था परंतु यदि वर्षों पहले बात करें तो गांव में शुरुआती दौर से ही पंचायतों का चुनाव होता आया है।
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Key Highlights of Nikay Sthaniya Chunav
लेख | स्थानीय निकाय चुनाव क्या है |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
स्तर | नगर निगम,जिला स्तरीय पंचायत चुनाव |
पारित | वर्ष 1992 |
संविधान | भारतीय संविधान के 73वें,74वें संशोधन में |
संशोधन | 73वा संशोधन 25 अप्रैल 1993, 74वा संशोधन 1 जून 1993 को |
स्थानीय निकाय चुनाव को संवैधानिक दर्जा कब प्रदान किया गया?
देश में ज्यादातर क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं के ठप होने से वहां पर जमीनी स्तर से विकास कार्य को कराने की संभावना ढूंढी जाने लगी ऐसे में भारतीय संसद में पंचायतो और नगर पालिकाओं के लिए वर्ष 1992 में एक ऐतिहासिक कदम उठाने का कार्य किया गया जिसमें Nikay Sthaniya Chunav को संवैधानिक दर्जा देने के लिए बिल पारित किया गया जिसे वर्ष 25 अप्रैल 1993 में संविधान का 73 वा संशोधन और वर्ष 1 जून 1993 को संविधान का 74वां संशोधन करके पंचायती राज तथा नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया जिसके बाद से देश के सभी राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव अनिवार्य हो गया।
Nikay Sthaniya Chunav को करने का नियम क्या है?
किसी भी शहर में स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए वहां के प्रशासन के द्वारा 3 चरणों में स्थानीय शासन को विभाजित किया गया है जिसमें पहला नगर निगम,दूसरा नगर पालिका और तीसरा नगर पंचायत है और यदि नगर निगम की बात करें तो ऐसे जो भी शहर जहां की आबादी 10 लाख से अधिक है उन्हें नगर निगम की संज्ञा प्रदान की गई है और वहां पर मेयर और पार्षदों का चुनाव कराया जाता है और जिन शहर में जनसंख्या 10 लाख से कम होती है उन शहरों में नगरपालिका के द्वारा स्थानीय विकास कराने का कार्य किया जाता है और उसके बाद नगर पंचायत आता है जोकि ना तो शहर और ना ही पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र होता है जिन्हें कस्बे की संज्ञा दी जाती है वहां पर पंचायत सदस्य,ग्राम प्रधान,बीडीसी आदि का चुनाव कराया जाता है।
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स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण का प्रावधान
जिस तरह से आरक्षण प्रणाली पूरे देश में सभी क्षेत्रों में स्थापित की गई है ऐसे में Nikay Sthaniya Chunav में भी इसकी व्यवस्था देखने को मिलती है जो कि अनुच्छेद 243(घ) के अंतर्गत एससी एसटी के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण प्रदान किया जाता है यदि किसी गांव में जनसंख्या में अनुसूचित जाति 30% अनुसूचित जनजाति 21% है तो वहां पर इस कोटे के लिए उतनी ही स्थान आरक्षित किए जाएंगे और उन्हीं में से महिलाओं के लिए भी 1/3 सीटें आरक्षित की जाती है और जितने भी वर्ग हैं उनमें स्थानीय निकाय चुनाव के अंतर्गत महिलाओं को एक 1/3 देने का कार्य किया जाता है जिसके बाद ही चुनाव प्रक्रिया को आयोजित किया जाता है।
Nikay Sthaniya Chunav का संचालक कौन होता है?
जैसा कि हम जानते हैं कि देश में जब भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव होते हैं तो वह भारत निर्वाचन आयोग के अंतर्गत संचालित किए जाते हैं जिसमें व्यस्क मतदाता मतदान करके सांसद और विधायक का चयन करते हैं ऐसे ही किसी भी शहर का स्थानीय निकाय चुनाव जो होता है उसका संचालन उस राज्य के राज्य निर्वाचन आयोग के माध्यम से किया जाता है जिसमें वही व्यस्क मतदाता अपने मतदान का प्रयोग करके स्थानीय क्षेत्र के पार्षद,सभासद,जिला पंचायत, बीडीसी मेयर,महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष आदि का चयन करते हैं और जिस भी प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिलता है वही अपने क्षेत्र का क्षेत्राधिकारी निर्वाचित होता है जिसके माध्यम से ही उस क्षेत्र का विकास कार्य कराया जाता है।
स्थानीय निकाय चुनाव से संबंधित कुछ प्रश्न उत्तर (FAQs)
देश का सबसे बड़ा स्थानीय निकाय चुनाव का राज्य उत्तर प्रदेश है जहां पर राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा निकाय चुनाव को संचालित किया जाता है इसके अंतर्गत महापौर जिला पंचायत अध्यक्ष मेयर नगर पालिका अध्यक्ष पार्षद सभासद जिला पंचायत सदस्य बीडीसी आदि आते हैं।
जो भी जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र से निर्वाचित होता है उसके द्वारा अपने क्षेत्र में विकास कार्य जिसमें नाली सीवर सड़क मरम्मत बिजली आदि जैसी व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने का जिम्मा होता है जिसके लिए राज्य सरकार सालाना बजट भी पेश करती है।
किसी भी शहर में एक स्थानीय चुनाव होता है तो वहां के जो प्रतिनिधि जिला पंचायत सदस्य बीडीसी आदि निर्वाचित होते हैं उन्हीं के द्वारा मतदान करने पर जिला पंचायत अध्यक्ष को निर्वाचित किया जाता है।