जनसंख्या किसे कहते है और Duniya Ki Jansankhya Kitni Hai एवं Population Report किस आधार पर बनाए जाती है जाने हिंदी में
वर्तमान समय में पुरी दुनिया में लगभग 237 देश मौजूद है और इन सभी देशों की जनसंख्या को यूनाइटेड नेशंस पापुलेशन फंड(United Nations Population Fund) के द्वारा एक लेखा जोखा के तौर पर रखा जाता है और यह अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के ही अधीन आता है वर्तमान समय में UNFP के द्वारा ही दुनिया के सभी देशों में तथा उनके इलाकों में जाकर Population से जुड़ी जानकारी एवं आंकड़ों को इकट्ठा किया जाता है और संयुक्त राष्ट्र ने एक व्यवस्थित तौर पर सभी 237 देशों से संबंधित आंकड़े जुलाई माह में एकत्रित भी किया था तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से वर्तमान समय में Duniya Ki Jansankhya कितनी है ।
Duniya Ki Jansankhya Kitni Hai?
यदि देखा जाए तो किसी भी देश की जनसंख्या जब बढ़ती है तो उससे आर्थिक एवं विकास की प्रगति को प्रदर्शित करने का कार्य किया जाता है और वर्तमान समय में संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार दुनिया की Population आठ बिलियन (8 Billions) यानी की 880 करोड़ से ऊपर पहुंच गई है और वहीं 11 वर्ष पहले 2011 में Duniya Ki Jansankhya 700 करोड़ के करीब थी और यदि देखा जाए तो जनसंख्या में वृद्धि लगभग 5 प्रतिशत की दर से हुई है।
लोगों को जनसंख्या के प्रति जागरूक करने के लिए 11 जुलाई 1987 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने World Population Day(विश्व जनसंख्या दिवस) मनाने की शुरुआत की थी तो उस समय दुनिया की कुल आबादी 500 करोड़ के आसपास थी परंतु 1998 में यही Population 600 करोड़ पहुंच गई और इसी तरह यदि जनसंख्या में बढ़ोतरी होती रही तो दुनिया में खाद संकट संसाधनों की कमी जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
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Population Report किस आधार पर बनाए जाती है?
- जब भी Population के आंकड़ों को इकट्ठा किया जाता है तो उसके लिए यूनाइटेड नेशंस पापुलेशन फंड के द्वारा कुछ मानक तय किए जाते हैं और ऐसे में आंकड़े लेते समय इस बात का ध्यान हमेशा रखा जाता है की उसे क्षेत्र में आबादी की संख्या 1000 से कम है या नहीं।
- जनसंख्या का आंकड़ा लेते समय सबसे पहले उस देश की जन्म मृत्यु दर के आंकड़ों को देखा जाता है जिसमें एक महिला एक समय में औसतन कितने बच्चों को जन्म देती है इस चीजों को ध्यान में रखा जाता है।
- Population रिपोर्ट के लिए यदि दूसरी कोई महत्वपूर्ण बात है तो वह आबादी की मृत्यु दर वर्तमान समय में कितनी चल रही है या फिर सरल शब्दों में कहा जाए तो एक समय में औसतन कितने लोगों की मृत्यु होती है यह वहां की जनसंख्या पर आधारित होता है
- Population रिपोर्ट को बनाने के लिए तीसरी सबसे जरूरी चीज होती है पलायन जो की बहुत से देशों में लोगों के द्वारा किसी परिस्थितियों के कारण एक देश से दूसरे देश में पलायन करना मजबूरी बन जाता है ऐसे में उस आधार पर जनसंख्या रिपोर्ट को तैयार किया जाता है।
स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी (Statue of Liberty) कहां है
जनसंख्या के आधार पर Top 20 देश की सूची
Rank | Country | Population |
1 | China | 1,394,016,520 |
2 | India | 1,326,093,186 |
3 | USA | 332,639,102 |
4 | Indonesia | 267,026,369 |
5 | Pakistan | 233,500,643 |
6 | Nigeria | 214,028,393 |
7 | Brazil | 211,715,956 |
8 | Bangladesh | 162,650,831 |
9 | Russia | 141,722,208 |
10 | Mexico | 128,649,590 |
11 | Japan | 125,507,482 |
12 | Philippines | 109,180,825 |
13 | Ethiopia | 108,113,163 |
14 | Egypt | 104,124,438 |
15 | Congo | 101,780,275 |
16 | Vietnam | 98,721,252 |
17 | Iran | 84,923,398 |
18 | Turkey | 82,017,530 |
19 | Germany | 80,159,665 |
20 | Thailand | 68,977,455 |
भारत की Population कितनी है ?
यदि भारत देश की जनसंख्या की बात की जाए तो वर्ष 2011 में देश में अंतिम बार जनगणना की करवाई की गई थी जिसके बाद भारत सरकार ने एक Population Report दर्शाई थी जिसमें भारत की जनसंख्या लगभग 121 करोड़ दिखाई गई थी जो की प्रतिवर्ष लगभग 18% की दर से बढ़ रही है और वर्तमान समय में यदि भारत की जनसंख्या की बात की जाए तो यह लगभग 140 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है जो की अनुमानित तौर पर बताया जा रहा है इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा वर्तमान समय में नहीं दर्शाया गया है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि से आने वाली समस्या
वर्तमान समय में भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जनसंख्या वृद्धि से बहुत सारी समस्या उत्पन्न हो सकती है ऐसे में Population रिपोर्ट का जिन अधिकारियों के द्वारा विश्लेषण किया जाता है उन्होंने बताया है की यदि देश में जनसंख्या बढ़ती रही तो ऐसे में भारत में संसाधनों की कमी बेरोजगारी और भुखमरी जैसी समस्याएं काफी ज्यादा तेजी से उजागर हो जाएंगे इसलिए भारत सरकार को जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए जल्द से जल्द कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है अन्यथा वर्ष 2070 तक इसका परिणाम काफी ज्यादा परेशान करने वाला होगा जिससे देश की आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा कमजोर भी हो सकती है।