कलेक्टर (Collector) कैसे बने- कलेक्टर बनने की योग्यता, सैलरी व कार्यकाल

Collector Kya Hota Hai और कलेक्टर कैसे बने एवं बनने की योग्यता क्या है व कलेक्टर के कार्य क्या होते हैं तथा सैलरी कितनी होती है

जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि हर व्यक्ति का सपना होता है भविष्य में कुछ ना कुछ बनने का ऐसे ही हममें से बहुत से लोगों का सपना होता है कलेक्टर बनने का। लेकिन क्या आप लोग जानते हैं कि कलेक्टर के कंधों पर अपने जिले के कार्यों कि जिम्मेदारी होती है जिससे उसे बहुत ही कुशलता के साथ पूरा करना होता है। हालाकि प्रत्येक जिले में कलेक्टर की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है लेकिन कलेक्टर राज्य सरकार की देखरेख में ही कार्य करते हैं। तो चलिए दोस्तों आज हम आपको अपने इस पोस्ट के माध्यम से कलेक्टर बनने से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे कलेक्टर के कार्य, सैलरी, योग्यता आदि प्रदान करने वाले हैं।

 यदि आप में से अगर कोई कलेक्टर बनने की इच्छा रखता है तो हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि कलेक्टर बनने के लिए आपको सबसे पहले उससे संबंधित जानकारी प्राप्त करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उसका ज्ञान होना बहुत ज्यादा जरूरी है।

Collector Kya Hota Hai?

सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की नियुक्ति की जाती है जिसका उत्तरदायित्व उस जिले के सारे निर्णय लेने का होता है। इस तरह से यह एक बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। कलेक्टर हर जिले में एक सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है जो उस जिले से संबंधित कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी लेता है। कलेक्टर का कार्य सरकारी योजनाओं को लागू करवाना, आम जनता की समस्या को हल करना, कर वसूली तथा कानून व्यवस्था बनाये रखना व जिले की जानकारी सरकार को देना भी कलेक्टर या मजिस्ट्रेट का कार्य होता है। कलेक्टर बनने के लिए सबसे पहले आपको एक कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ता है जिसमें आपको हर हाल में पास होना पड़ता है उसी के बाद आपको कलेक्टर की नियुक्ति दी जाती है।

Collector Kya Hota Hai
Collector Kya Hota Hai

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ज़िला कलेक्टर बनने के लिए एग्जाम्स पैटर्न

कलेक्टर बनने के लिए सबसे पहले आपको यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करनी पड़ती है जिसके बाद आपको परीक्षा देनी है और यह परीक्षाएं आप ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद ही दे सकते हैं। हम आपको बताएंगे जिला कलेक्टर बनने के लिए आपको कौन कौन सी परीक्षा देनी पड़ती है।

प्रारंभिक परीक्षा

सबसे पहले आपको प्रारंभिक परीक्षा देनी पड़ती है जिसमें से केवल काबिल उम्मीदवारों को और अन्य उम्मीदवारों को छांटने का कार्य किया जाता है।इस परीक्षा को देने के बाद आपको अगले एग्जाम्स के लिए सिलेक्ट कर लिया जाता है। कलेक्टर बनने के लिए इस परीक्षा का आयोजन जुलाई से अगस्त के में तक होता है। इस परीक्षा में 2 पेपर होते हैं पहला सामान्य अध्यन तथा दूसरा सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट का। ये दोनों पेपर 250-250 अंकों के होते हैं। यह परीक्षा देने के लिए सबसे पहले आपको आवेदन करना होता है जिसके बाद आप की परीक्षा दे सकते हैं।

मुख्य परीक्षा ‌

प्रारंभिक परीक्षा सफलतापूर्वक देने के बाद आपको मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है यह परीक्षा केवल उन लोगों के लिए होती है जिन्होंने प्रारंभिक परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की होती है। यह परीक्षा प्रारंभिक परीक्षा से थोड़ी कठिन होती है इस परीक्षा का आयोजन दिसंबर से जनवरी के बीच किया जाता है। इस परीक्षा में मुख्यतः 9 पेपर होते हैं जो इस प्रकार हैं-

  • भारतीय भाषा – इसमें कुल 18 भाषाओँ में से आप एक भाषा चुन सकते हैं। यह पेपर 200 अंको का होता हैं और इसके अंक भी मुख्य परीक्षा परिणाम में नहीं जोड़े जाते हैं।
  • अंग्रेजी –  यह पेपर भी 200 अंको का होता है एवं इसके अंक भी मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाते।
  • निबंध- इस पेपर में आपको दिए गए 2 विषयों पर निबंध लिखना होता हैं।.यह पेपर कुल 250 अंकों का होता हैं।
  • सामान्य अध्यन कुल अंक 250
  • सामान्य अध्यन कुल अंक 250
  • सामान्य अध्यन कुल अंक 250
  • सामान्य अध्यन कुल अंक 250
  • यह पेपर का विषय विकल्पिक होता है जो आप चुन सकते हैं। यह 250 अंको का होता हैं।
  • यह पेपर भी वैकल्पिक होता है एवं 250 अंको का होता हैं।

INTERVIEW

अब बारी आती है इंटरव्यू की जो दोनों परीक्षाएं सफलतापूर्वक और अच्छे नंबरों से पास करने के बाद होता है। इस परीक्षा में आपके सामने कुछ बड़े अफसर बैठकर आपसे कुछ जानकारी लेते हैं और कुछ अलग तरह के सवाल पूछते हैं। आपके द्वारा दिए गए जवाबों के आधार पर ही आपको इसमें नंबर दिए जाते हैं। यह इंटरव्यू 750 अंको का होता है। अगर आप इंटरव्यू प्रक्रिया में सफल हो जाते हैं तो आपको जिला कलेक्टर की ट्रेनिंग के लिए नियुक्त कर लिया जाता है।

कलेक्टर बनने के लिए निर्धारित आयु सीमा

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बताना चाहेंगे कि सरकार द्वारा सरकारी नौकरी की नियुक्ति के लिए अलग-अलग आयु सीमा अलग-अलग वर्गों के आधार पर विभाजित की गई। है जो इस प्रकार हैं-

  • जनरल वर्ग –  21से 32 वर्ष
  • ओबीसी वर्ग  – 21 से 32 वर्ष
  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति- 21 से 32 वर्ष
  • शारीरिक रूप से अक्षम लोग – 21 से 42 वर्ष
  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के शारीरिक रूप से अक्षम लोग – 21 वर्ष से असीमित समय तक
कलेक्टर बनने की योग्यता
  • कलेक्टर बनने के लिए उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  • भारत का नागरिक होना अनिवार्य है।
  • मान्यता प्राप्त किसी विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।
  • उम्मीदवार किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं होना चाहिए।

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